एक और Helicopter Crash : उत्तराखंड की पवित्र धरती एक बार फिर मातम में डूब गई। 15 जून की सुबह केदारनाथ यात्रा के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड और त्रियुगीनारायण के बीच एक HelicopterCrashहो गया। इस हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई। दुख की बात यह है कि इनमें से कई यात्री केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जा रहे थे।
प्रशासनिक रिपोर्ट्स के अनुसार, उस वक्त मौसम बेहद खराब था। बावजूद इसके, हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। सवाल उठता है—क्या इस फैसले के पीछे किसी दबाव या नियमों की अनदेखी की गई? क्या यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया गया?

हादसे की भयावह तस्वीरें;
हेलीकॉप्टर का मलबा पहाड़ों के बीच जंगल में बिखरा पड़ा था। आग की भयानक लपटों ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें साफ देखा जा सकता है कि हेलीकॉप्टर जलकर राख हो चुका था।इसमें 1 पायलट (राजवीर सिंह चौहान) और 6 यात्री शामिल थे। Helicopter Crash में कोई नहीं बचा सभी 7 लोगों की मौत हो गई है।
SDRF और रेस्क्यू टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया गया। लेकिन यह सवाल लगातार उठता रहा—अगर मौसम इतना खराब था, तो उड़ान की इजाज़त क्यों दी गई?
कौन थे पायलट राजवीर सिंह चौहान?
इस Helicopter Crash हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह चौहान जयपुर, राजस्थान के रहने वाले थे। वे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर 15 साल तक सेवाएं दे चुके थे और हाल ही में रिटायर होने के बाद प्राइवेट एवीएशन कंपनी आर्यन एविएशन से जुड़े थे।
राजवीर सिंह के पास 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था और वे दुर्गम व संवेदनशील इलाकों में फ्लाइंग ऑपरेशन्स कर चुके थे। वे हाल ही में जुड़वा बच्चों के पिता बने थे। एक समर्पित सैनिक, एक ज़िम्मेदार पायलट, और एक नया पिता—एक ही पल में सब कुछ खत्म हो गया।
Helicopter Crash: मई से जून के बीच चौथा हादसा!
चौंकाने वाली बात यह है कि यह HelicopterCrash कोई पहला मामला नहीं है। मई महीने से लेकर अब तक यह चौथा बड़ा हादसा है। 7 जून को भी इसी रूट पर एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी।
तो क्या ये सिर्फ संयोग है या कोई बड़ी लापरवाही? क्या तकनीकी जांच में लापरवाही बरती जा रही है? क्या इन कंपनियों को मौसम के खराब संकेतों के बावजूद उड़ान भरने की अनुमति दी जा रही है? या यात्रियों की संख्या और पैसा इनकी प्राथमिकता बन गई है?
Helicopter Crash: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान;
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने Helicopter Crash हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया कि SDRF और अन्य रेस्क्यू टीम राहत कार्यों में लगी हैं। उन्होंने बाबा केदारनाथ से सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा की प्रार्थना की। लेकिन लोगों के मन में यह सवाल अभी भी है कि सरकार कब तक केवल ट्वीट और प्रार्थनाओं तक सीमित रहेगी?
शहीद पायलट को देश की श्रद्धांजलि;
राजवीर सिंह चौहान जैसे जांबाज़ सैनिक की मौत पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह राठौर ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “33 साल की उम्र में दो नवजात बच्चों का पिता देश के लिए शहीद हो गया।”
राजवीर की पत्नी भी आर्मी में अधिकारी हैं, और पूरा परिवार देश सेवा में समर्पित है। आज ये परिवार एक अपूरणीय क्षति झेल रहा है,
कब सुधरेगी स्थिति?
उत्तराखंड में तीर्थयात्राओं के दौरान Helicopter Crash की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय बन चुकी हैं। अब वक़्त आ गया है कि सरकार, एविएशन कंपनियां और संबंधित एजेंसियां एक गंभीर समीक्षा करें। यात्रियों की सुरक्षा केवल भगवान भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती।
पत्रकार रीना द्वारा केदारनाथ की दुर्घटनाओं पर सही पर प्रश्न सही उठाया गया है क्योंकि आप केदारनाथ पर बहुत ज्यादा घटनाएं दुर्घटनाएं होने लगी है जो की प्रशासन की लापरवाही कीआओर संकेत करती है