Dhruv Rathee एक सच के सिपाही हैं या एजेंडा चलाने वाले एक डिजिटल वॉरियर?पर्दाफ़ाश! कौन हैं Dhruv Rathe?

Dhruv Rathee एक भारतीय यूट्यूबर, व्लॉगर और सामाजिक‑राजनीतिक विश्लेषक हैं, जो ख़ासकर पॉलीटिकल वीडियो के कारण चर्चित हैं ।
जर्मनी में बेस्ड यह इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाला कंटेंट‑क्रिएटर 2014 से YouTube पर सक्रिय है और उसके करीब 34 मिलियन सब्सक्राइबर्स

उनके वीडियो में एनिमेशन, स्टैटिस्टिक्स और ग्राफ़िक्स का इस्तेमाल होता है, जो युवा दर्शकों को आकर्षित करता है ।

Dhruv Rathee

Dhruv Rathee की पर्सनल लाइफ – एक निजी झलक;

ध्रुव राठी का जन्म हरियाणा, भारत में हुआ था। उन्होंने जर्मनी से इंजीनियरिंग और पॉलिटिकल साइंस में पढ़ाई की और फिलहाल वहीं रहते हैं।

साल 2021 में उन्होंने अपनी जर्मन गर्लफ्रेंड जूलिया से शादी की, जिसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। जूलिया उनके कई व्लॉग्स में भी नजर आती हैं।

ध्रुव को ट्रैवलिंग, साइकिलिंग और वीडियो एडिटिंग का शौक है। वे पर्सनल लाइफ को प्राइवेट रखते हैं और अपने काम व विचारों को ही सोशल मीडिया पर प्रमुखता से दिखाते हैं।

क्यों अचानक फिर से ट्रेंड में?

हाल ही में Dhruv Rathee चर्चा में तब आए जब उन्होंने AI जनरेटर के ज़रिए सिक्ख गुरुओं की तस्वीरें बनाई—जो अब धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपों के साथ विवाद बन गया है

पंजाब की अकाली दल और भाजपा ने तीखा विरोध जताया और वीडियो डिलीट करने की मांग की अचानक फिर से ट्रेंड में आए

विवादित वीडियोज़ और आलोचनाएँ;

AI के ज़रिए धार्मिक नेताओं की तस्वीरें:
Dhruv Rathee ने हाल ही में एक वीडियो में AI तकनीक के इस्तेमाल से सिख गुरुओं की कल्पना की और उसे पब्लिक किया, जिससे कई धार्मिक भावनाएँ आहत हुईं। विरोध के बाद वीडियो को हटा लिया गया, लेकिन तब तक बात फैल चुकी थी।

महाराष्ट्र BJP के प्रवक्ता द्वारा एक वीडियो पर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया जिसमें उन पर ‘ग़दी मीडिया’ और ‘ट्रोल्स’ से जुड़ने का आरोप था ।

धार्मिक विरोधों के चलते AI सिक्ख गुरुओं वीडियो को यू‑ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से हटाना पड़ा

“Is India becoming a dictatorship?” वीडियो:
इस वीडियो को 25+ मिलियन बार देखा गया और यह वायरल हो गया BJP समर्थकों ने इसे विपक्षी एजेंडा का हिस्सा बताया

क्या Dhruv Rathee पक्षपाती हैं?

यह सबसे बड़ा सवाल है। Dhruv Rathee पर यह आरोप लगता रहा है कि वे सरकार विरोधी एजेंडा चलाते हैं और विपक्षी दलों की खामियों को नजरअंदाज़ करते हैं।
उनके आलोचकों का कहना है कि उनकी वीडियो में सिर्फ एक पक्ष को ही प्रमुखता दी जाती है, जिससे दर्शकों में एक खास नैरेटिव बनता है।

लेकिन वहीं उनके समर्थकों का मानना है कि वो सिर्फ वही बात सामने लाते हैं जो ‘मुख्यधारा मीडिया’ दिखाने से डरती है। उनके वीडियो में तथ्य होते हैं, रिसर्च होती है और एक पैशन होता है।

क्या है उनकी सच्चाई या एजेंडा?

पक्षपात का आरोप,

  • वे एकतरफ़ा आलोचना करते हैं—मुख्य रूप से BJP और मोदी सरकार पर निशाना साधते हैं, लेकिन विपक्ष पर तीखा हमला नहीं दिखाते ।

समर्थन भी कम नहीं,

  • उनका मानना है कि वे मीडिया की कमीपूर्ति कर रहे हैं जो उस समय सरकार को एकतरफ़ा पेश कर रहा था ।
  • उनके समर्थकों का कहना है कि उनकी तथ्यों‑आधारित डॉक्यूमेंट्री ने जनचेतना को जगाया, खासकर युवाओं में ।

एक लोकतांत्रिक देश में सवाल पूछना ज़रूरी है:

Dhruv Rathee की सबसे बड़ी पहचान यही है कि वे बिना झिझक सरकार से सवाल करते हैं — और यही किसी लोकतांत्रिक देश की असली ताकत होती है।
चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, हर किसी को सरकार से जवाब मांगने का हक़ है।
लोकतंत्र का मतलब सिर्फ वोट देना नहीं, बल्कि जवाबदेही तय करना भी है।
ध्रुव का कहना है कि अगर कोई यूट्यूबर, लेखक या आम नागरिक तर्कों और तथ्यों के आधार पर सवाल उठाता है, तो उसे ‘देशद्रोही’ नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उसकी बात सुनी जानी चाहिए
उनकी यही सोच उन्हें लाखों युवाओं के बीच प्रेरणा बनाती है।

अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रभाव;

  • The Times (UK) सहित कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने Dhruv Rathe की प्रभावशाली प्रतिभा को कवर किया—उनके वीडियो का चुनाव जीत पर असर डालने के अध्ययन का हवाला देते

पर्सनल और प्रोफेशनल का बैलेंस;

ध्रुव अपनी निजी ज़िंदगी को काफी हद तक पर्सनल रखते हैं। वे सोशल मीडिया पर अपने काम को प्रमुखता देते हैं और पारिवारिक या निजी विवादों से दूर रहते हैं।
वे मानते हैं कि पब्लिक लाइफ में रहने का मतलब यह नहीं कि हर पहलू को दिखाया जाए। उनका फोकस रहता है — ज्ञान फैलाना, सिस्टम को सवालों के घेरे में लाना और युवाओं को सोचने पर मजबूर करना

विवाद और कानूनी पचड़े;

ध्रुव राठी कई बार कानूनी झमेलों में भी फंस चुके हैं। कुछ राजनीतिक नेताओं ने उनके वीडियो को ‘मानहानिकारक’ बताया और कानूनी नोटिस भेजे।
धार्मिक संगठनों ने भी उन पर आस्था के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया है।

लेकिन ध्रुव राठी इन विवादों से पीछे नहीं हटते। वो बार-बार कहते हैं कि उनकी मंशा किसी को आहत करने की नहीं, बल्कि सच्चाई को उजागर करने की है।

Dhruv Rathee: एक सवाल, एक सोच;

क्या ध्रुव राठी एक स्वतंत्र विचारक हैं जो सिस्टम की सच्चाई को उजागर करते हैं? या वे सिर्फ एक तरफा आलोचना करते हैं जिससे समाज में भ्रम फैलता है?

उनकी वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि वे हर उस मुद्दे पर बोलते हैं जो दूसरों से छिपाया जाता है। लेकिन जब बार-बार सिर्फ एक दिशा में ही उंगलियाँ उठाई जाएँ, तो शक भी पैदा होता है।


ध्रुव राठी ने डिजिटल मीडिया की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने दिखाया है कि एक आम नागरिक भी तथ्यों के सहारे सच्चाई को सामने ला सकता है।
लेकिन जिस रास्ते पर वे चल रहे हैं, उसमें ना सिर्फ प्रशंसा है बल्कि विरोध और जिम्मेदारी भी है।


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