Kirti Ganorkar की 25 साल की शानदार यात्रा: Sun Pharma में समर्पण, सीख और नेतृत्व;

Kirti Ganorkar का सन फार्मा में दिलीप सांगी के साथ शुरुआत और ग्लोबल लीडरशिप तक का सफर सन फार्मा की चमकती हुई सफलता की कहानी सिर्फ उत्पादों और मार्केट शेयर तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां के लोगों की मेहनत, सीखने की ललक और नेतृत्व की भावना भी इसकी जड़ में गहराई से जुड़ी है।

ऐसे ही एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व की कहानी है — एक ऐसे प्रोफेशनल की, जिन्होंने 1996 में एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और आज भारत में सन फार्मा के पूरे व्यापार का नेतृत्व कर रहे हैं, जो कि कंपनी के कुल वैश्विक व्यवसाय का 32% हिस्सा है जिनका नाम है Kirti Ganorkar

  Kirti Ganorkar

1996: एक साधारण शुरुआत;

सन फार्मा में Kirti Ganorkar की शुरुआत 1996 में दिलीप सांगी के एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट के रूप में हुई। उस समय शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यही व्यक्ति आने वाले वर्षों में भारत जैसे विशाल और चुनौतीपूर्ण बाजार को लीड करेगा। पर उन्होंने यह कर दिखाया — न सिर्फ मेहनत से, बल्कि हर मोड़ पर सीखते हुए।

Kirti Ganorkar 25 वर्षों की यात्रा: सीख, संघर्ष और सफलता;

Kirti Ganorkar ने खुद स्वीकार किया है कि ये 25 साल उनके लिए एक रोमांचक यात्रा रहे हैं — जो उन्हें केवल प्रोफेशनली नहीं बल्कि पर्सनली भी संवार गए। पहले दशक में ही उन्हें जिस तरह के अवसर मिले, वो किसी के भी करियर को पंख दे सकते थे।\

मार्केटिंग, ब्रांड मैनेजमेंट, बिजनेस डिवेलपमेंट, मर्जर्स एंड अक्विजिशन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और आईपी लिटिगेशन — एक ही व्यक्ति को इतने विविध क्षेत्रों में काम करने का मौका मिलना, यह दिखाता है कि कंपनी में टैलेंट की पहचान की जाती है और उसे दिशा दी जाती है।

30 से 40 नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग का हिस्सा;

अपने शुरुआती दिनों में ही उन्होंने 30 से 40 नए दवाओं के लॉन्च में अहम भूमिका निभाई। यह अनुभव बाद में Kirti Ganorka के काम आया, जब उन्हें ग्लोबल बिजनेस डिवेलपमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई। भारत से अमेरिका, यूरोप, जापान और अन्य उभरते बाजारों तक उनका दायरा बढ़ता चला गया।

ग्लोबल स्तर पर लीडरशिप;

ग्लोबल बिजनेस डिवेलपमेंट की भूमिका में Kirti Ganorkar ने अमेरिका और जापान के बाजारों में गहराई से जाकर नियम, कानून और बाजार की मानसिकता को समझा। लगातार यात्राएं, मीटिंग्स और रणनीति निर्माण — यह सब उन्हें वैश्विक स्तर पर रणनीतिक सोच में माहिर बनाता गया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह एक ऐसा अनुभव था, जिसने उन्हें पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म कर दिया — चाहे वह समस्या का समाधान हो, टीम के साथ काम करना हो या फिर नेतृत्व की मिसाल पेश करना हो।

उनका अनुभव बताता है कि सन फार्मा में ‘ओपन डोर पॉलिसी’ एक वास्तविकता है, सिर्फ दिखावा नहीं। वरिष्ठ नेताओं से संवाद करना आसान है, और सबसे बड़ी बात — यहां असफलता को नकारात्मक नहीं, बल्कि एक सीख के रूप में देखा जाता है।

जब कंपनी का कल्चर किसी को यह हौसला देता है कि “गलती कर सकते हो, लेकिन उससे सीखकर आगे बढ़ना है”, तो वही संस्कृति सच्चे नवाचार और नेतृत्व को जन्म देती है।

नेतृत्व का असली मतलब: खुद उदाहरण बनना;

वे बताते हैं कि सन फार्मा में वरिष्ठ नेता केवल आदेश नहीं देते, बल्कि खुद मैदान में उतरते हैं। अपनी आस्तीन चढ़ा कर बताते हैं कि कैसे किया जाता है। यही नेतृत्व की असली पहचान होती है — जब आप सामने से उदाहरण प्रस्तुत करते हैं

आज जब Kirti Ganorkar भारत के व्यवसाय की अगुवाई कर रहे हैं, तो उनके फैसले और रणनीतियां केवल बाजार तक सीमित नहीं हैं — वे आने वाली पीढ़ी के लिए उदाहरण बन चुकी हैं। भारत में सन फार्मा का व्यापार कंपनी के वैश्विक कारोबार का 32% है, और इसे चलाने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है।

एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट से लेकर देश के सबसे बड़े फार्मा ब्रांड में टॉप लीडरशिप की कुर्सी तक का सफर — यह एक ऐसी मिसाल है जो हर युवा प्रोफेशनल को प्रेरणा दे सकती है।

Kirti Ganorka की यह यात्रा न सिर्फ मेहनत और लगन का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि एक संगठन अगर अपने कर्मचारियों में भरोसा करे, उन्हें बढ़ने के अवसर दे, तो वे उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

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