बॉलीवुड की ‘क्वीन’ कही जाने वाली Kangana Ranaut आज सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक सोच, एक बहस और एक आंदोलन बन चुकी हैं। हिमाचल की वादियों से निकलकर मायानगरी मुंबई में अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था, लेकिन कंगना ने ना सिर्फ यह कर दिखाया, बल्कि हर उस ढांचे को तोड़ा जो बॉलीवुड की परंपराओं में जड़ा हुआ था।

बचपन और परिवार से करियर की उड़ान तक;
Kangana Ranaut का जन्म 23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हुआ। उनके पिता अमरदीप रनौत एक बिजनेसमैन हैं और मां आशा रनौत एक स्कूल टीचर। कंगना का बचपन एक रूढ़िवादी राजपूत परिवार में बीता, जहां लड़की को डॉक्टर या टीचर बनने की ही सलाह दी जाती थी। लेकिन कंगना को तो कुछ और ही बनना था — स्टार।
उन्होंने दिल्ली आकर मॉडलिंग शुरू की, और फिर मुंबई का रुख किया। तमाम संघर्षों के बाद उन्हें अनुराग बसु की फिल्म ‘गैंगस्टर’ (2006) में मौका मिला, और इसी फिल्म से उन्होंने धमाकेदार एंट्री की। इसके बाद वो लम्हें, फैशन, तनु वेड्स मनु, क्वीन, मणिकर्णिका, और थलाइवी जैसी फिल्मों में अपने बेबाक अभिनय से उन्होंने खुद को बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार कर लिया।
बॉलीवुड और Kangana Ranaut: प्रेम या प्रतिशोध?
जहां एक ओर Kangana Ranaut की एक्टिंग की तारीफ होती रही, वहीं दूसरी ओर वह अक्सर विवादों में भी घिरी रहीं। सबसे पहले उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) पर सवाल उठाए और करण जौहर को “नेपोटिज्म का गॉडफादर” कह दिया। इसके बाद उन्होंने कई बार दावा किया कि उन्हें इंडस्ट्री से ‘आउटसाइडर’ होने के कारण हाशिये पर रखा गया।
विवादों की महारानी?
Kangana Ranaut अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कभी ऋतिक रोशन से अपने संबंधों को लेकर खुलकर बोला, तो कभी महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना के खिलाफ खड़ी हो गईं। उनके ऑफिस पर बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद उन्होंने मुंबई की तुलना “पीओके” (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) से कर दी — और ये बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया।
हाल ही में उन्होंने कहा कि “बॉलीवुड में 90% लोग ड्रग्स लेते हैं” और “यहां फिल्में परिवारवाद और गुटबाज़ी के आधार पर मिलती हैं, टैलेंट के आधार पर नहीं।”
राजनीति में कदम और नया अवतार;
2024 के लोकसभा चुनावों में कंगना रनौत ने बीजेपी के टिकट पर मंडी (हिमाचल) से चुनाव लड़ा — और शानदार जीत दर्ज की। अब वह न सिर्फ एक एक्ट्रेस हैं, बल्कि एक सांसद भी हैं। उनका यह नया राजनीतिक अवतार जनता के बीच खासा चर्चा में है।
हालांकि, कई लोगों का मानना है कि Kangana Ranaut का राजनीतिक रुख कहीं ना कहीं उनके फिल्मी करियर से जुड़े विवादों का ही परिणाम है। लेकिन कंगना इसे एक नई जिम्मेदारी मानती हैं, और उनके भाषणों में अब सिर्फ फिल्मों की बात नहीं होती — बल्कि देश, समाज और संस्कृति का मुद्दा भी उठता है।
क्या भविष्य में कंगना दे पाएंगी एक और ‘क्वीन’?
उनकी हालिया फिल्म ‘तेजस’ बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर पाई, लेकिन आलोचकों ने उनके अभिनय की तारीफ की। अब सभी की नजरें उनकी आने वाली फिल्म ‘Emergency’ पर टिकी हैं जिसमें वह खुद इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं और फिल्म का निर्देशन भी कर रही हैं।
यह फिल्म सिर्फ एक ऐतिहासिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि कंगना के करियर का अगला बड़ा मोड़ हो सकती है। इसमें वह अपनी राजनीतिक सोच और अभिनय दोनों को एक साथ सामने रखेंगी।
Kangana Ranaut को न्यू दिल्ली 2025 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया गया है। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता पहली बार भारत में आयोजित की जा रही है और कंगना की नियुक्ति को एक प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है। पैरा एथलीट्स के जज़्बे और संघर्ष को समर्थन देने के लिए कंगना की छवि को उपयुक्त माना गया है। आयोजन समिति का मानना है कि उनकी मौजूदगी इस इवेंट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और समाज में समावेशिता और समानता का संदेश देगा।
तो सवाल यही है — क्या Kangana सिर्फ एक अदाकारा हैं जो सच्चाई बोलती हैं या फिर एक कंट्रोवर्शियल फिगर जो हर मुद्दे पर बवाल खड़ा करती हैं?
शायद जवाब दोनों हैं। Kangana Ranaut एक ऐसी शख्सियत हैं जिसने बॉलीवुड के कड़े सिस्टम में अपने लिए एक अलग जगह बनाई — वो भी बिना किसी गॉडफादर के। उन्होंने देश, समाज और इंडस्ट्री से जुड़े सवाल उठाए और हर आलोचना का डटकर सामना किया।
आज Kangana एक नई राह पर हैं — संसद में बैठी अभिनेत्री जो समाज की आवाज़ बनना चाहती है। अब देखना है कि पर्दे के बाहर की यह ‘क्वीन’ राजनीति के मंच पर भी राज करेगी या नहीं।