Israel-Iran War 2025 में मिडिल ईस्ट की धरती एक बार फिर युद्ध की लपटों में जल उठी है। ईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव ने अब 2025 में खुली जंग का रूप ले लिया है।
यह संघर्ष अब सिर्फ सीमित जवाबी कार्रवाई या प्रॉक्सी वॉर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सीधे-सीधे एक देश की सेना दूसरे देश पर हमला कर रही है। और यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है जब दुनिया पहले ही यूक्रेन-रूस युद्ध और वैश्विक मंदी की मार झेल रही है।

13 जून की रात क्या हुआ? क्या हुआ अब तक?
Israel-Iran War 2025 में ईरान ने इज़राइल के तेल अवीव पर 100 से ज़्यादा मिसाइलें दागीं। रिपोर्ट के अनुसार, 9 स्थानों पर धमाकों की जानकारी मिली है, जिनमें करीब 17 लोग घायल हुए हैं।
ईरान से छोड़ी गई मिसाइलों ने इज़राइली सेना को अपने एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने पर मजबूर कर दिया।
ईरान की ओर से दागी गई ज़्यादातर मिसाइलों को इज़राइली एयर डिफेंस ने इंटरसेप्ट (रोक) कर लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें इज़राइल की रक्षा प्रणाली को चकमा देकर तेल अवीव में जा गिरी हैं।
14 जून 2025 की सुबह जैसे ही शुरू हुई, खबरें आनी शुरू हुईं कि ईरान ने इज़राइल पर 200 से ज्यादा “शाहिद ड्रोन” भेज दिए हैं। ये ड्रोन इराक और सीरिया के रास्ते इज़राइल की सीमा में दाखिल हुए और इज़राइली एयर डिफेंस ने उन्हें बीच रास्ते में मार गिराया — ऐसा इज़राइल का दावा है।
लेकिन इससे पहले इज़राइल ने भी एक बड़ा कदम उठाया था। उसने ईरान के छह बड़े सैन्य ठिकानों पर स्ट्राइक की थी और दावा किया था कि ईरान के 10 न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स और 6 टॉप कमांडर्स इन हमलों में मारे गए हैं।
इन हमलों को “ऑपरेशन राइजिंग लाइन” का नाम दिया गया है और इज़राइल की तरफ से यह भी साफ कहा गया कि यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है
Israel-Iran War 2025: अब आगे क्या?
ईरान ने पलटवार करने का ऐलान कर दिया है। उसके सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमैनी ने कहा है,
“हमने जंग कभी शुरू नहीं की, लेकिन खत्म ज़रूर करेंगे।“
ईरानी सूत्रों के अनुसार, अब अगला हमला बैलेस्टिक मिसाइल से किया जा सकता है। यानी आने वाले घंटे और दिन और भी अधिक खतरनाक हो सकते हैं।
वैश्विक असर:
इस Israel-Iran War 2025 में युद्ध का प्रभाव सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रहेगा। कई बड़ी चीजें हैं जो इसके कारण प्रभावित होंगी:
- तेल की कीमतें: खाड़ी में संघर्ष का मतलब है तेल की आपूर्ति में रुकावट। इसका असर भारत, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों पर साफ़ दिखेगा।
- भारत की चिंता: Israel-Iran War 2025 भारत के लाखों लोग मिडिल ईस्ट में रहते हैं। यदि युद्ध बढ़ा, तो उनकी सुरक्षा और वापसी एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
- अमेरिका की भूमिका: अमेरिका, जो इज़राइल का सबसे बड़ा समर्थनकर्ता है, शायद युद्ध में सीधा शामिल न हो, लेकिन सैन्य मदद के रूप में अपनी ताकत दिखा सकता है।
क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?
Israel-Iran War 2025 को फिलहाल “World War 3” कहना जल्दीबाज़ी होगी, लेकिन यह सच है कि हालात बेहद नाज़ुक हो गए हैं। यदि ईरान ने इज़राइल पर बैलेस्टिक मिसाइल दागी और इज़राइल ने सीधा जवाब दिया, तो सऊदी अरब, लेबनान, सीरिया और यमन जैसे देशों की भी भागीदारी तय मानी जा रही है। और अगर अमेरिका या रूस इस मामले में कूदे, तो हालात और खराब हो सकते हैं।
ईरान और इज़राइल के बीच यह टकराव सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं है — यह एक आदर्शों, धर्म, सत्ता और अस्तित्व की लड़ाई है। दोनों देशों का मानना है कि वे अपने राष्ट्र और धर्म की रक्षा कर रहे हैं। लेकिन इस युद्ध का सबसे बड़ा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
क्या अब बातचीत की कोई गुंजाइश बची है?
अगर युद्ध की आग अभी नहीं बुझाई गई, तो मिडिल ईस्ट का यह संघर्ष पूरे विश्व को अपने लपेटे में ले सकता है।
शायद अब वक्त आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस Israel-Iran War 2025 को रोकने के लिए मजबूती से आगे आए, नहीं तो इतिहास फिर से खुद को खून और राख में दोहराएगा।