भारत-पाकिस्तान Ceasefire 2025: क्या यह सच्ची शांति है या फिर से तनाव बढ़ेगा? जानिए पूरा सच;

भारत और पाकिस्तान Ceasefire (सीज़फायर) के बीच सीमा पर चल रही तनातनी कोई नई बात नहीं है। आए दिन दोनों देशों के बीच गोलीबारी, घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों की खबरें आती रहती हैं। हाल ही में दोनों देशों ने एक बार फिर Ceasefire (सीज़फायर) की घोषणा की है।

इसका मकसद सीमा पर शांति बनाए रखना और आम लोगों को राहत देना है। लेकिन इस घोषणा के कुछ ही समय बाद संघर्षविराम के उल्लंघन की खबरें आने लगीं, जिससे लोग यह सोचने लगे हैं कि क्या यह शांति टिकेगी या फिर से तनाव बढ़ेगा?

Ceasefire

Ceasefire की शुरुआत कैसे हुई

कुछ हफ्ते पहले *पाहलगाम* में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के ठिकानों पर *ऑपरेशन सिंदूर* चलाया। इस ऑपरेशन में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने बातचीत कर एक बार फिर संघर्षविराम का ऐलान किया।

इस समझौते के तहत तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही सीमा पर कोई भी सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे और पहले की तरह शांत माहौल बनाए रखेंगे।

क्या हुआ इसके बाद?

शुरुआत में कुछ घंटे तक सीमा पर शांति बनी रही। लेकिन जल्द ही भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने *LoC* यानी नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियां शुरू कर दी हैं। भारत के विदेश सचिव *विक्रम मिस्री* ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देगा।

पाकिस्तान की तरफ से इन आरोपों को नकारते हुए कहा गया कि वह Ceasefire का पूरा पालन कर रहा है और भारत को भी संयम से काम लेना चाहिए।

सीमा पर हालात कैसे हैं?

जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। कुछ गांवों में लोगों ने रात में घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है। स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित कर दी गई हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

हालांकि कुछ क्षेत्रों में स्थिति सामान्य होने लगी है, लेकिन लोगों को डर है कि अगर Ceasefire फिर से टूटता है, तो उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

क्या यह शांति टिकेगी?

यह सवाल अब हर किसी के मन में है – क्या यह सीज़फायर लंबे समय तक चलेगा? या यह भी पहले की तरह कुछ दिनों में टूट जाएगा?विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक दोनों देश आपसी विश्वास और पारदर्शिता के साथ काम नहीं करते, तब तक कोई भी समझौता लंबे समय तक नहीं टिक सकता। बार-बार Ceasefire का उल्लंघन सिर्फ आम जनता को परेशान करता है, खासकर सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को।

लोगों की उम्मीदें

सीमा पर रहने वाले लोग और पूरे देश के नागरिक चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच स्थायी शांति हो। वे नहीं चाहते कि उनके घर बार-बार गोलीबारी की चपेट में आएं या बच्चे डर के माहौल में बड़े हों।

लोगों की यही उम्मीद है कि सरकारें सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए नहीं, बल्कि जनता की भलाई के लिए ठोस कदम उठाएं और ऐसे किसी भी सीज़फायर को सिर्फ कागज़ों तक सीमित न रखें।

भारत और पाकिस्तान के बीच Ceasefire की घोषणा एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इसका सफल होना दोनों देशों की गंभीरता और प्रतिबद्धता पर निर्भर करता है। अगर दोनों पक्ष ईमानदारी से इस समझौते का पालन करें, तो न सिर्फ सीमा पर शांति होगी बल्कि दोनों देशों के रिश्ते भी सुधर सकते हैं।

लेकिन अगर यह सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया और उल्लंघन जारी रहे, तो यह फिर से तनाव और हिंसा को जन्म देगा। ऐसे में ज़रूरत है समझदारी, संयम और सच्ची मंशा की — ताकि सीज़फायर सिर्फ एक शब्द न रह जाए, बल्कि एक स्थायी समाधान बन जाए।

Leave a comment