अरविंद केजरीवाल ने Atishi Marlena को अपना उत्तराधिकारी चुनकर दिल्ली की नई मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर दिया विधायक दल की बैठक में खुद CM Arvind Kejriwal ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। विधायकों ने भी सर्व समिति से Atishi को अपना नेता चुन लिया। पहली बार की विधायक और 2023 में पहली बार मंत्री बनी आतिशी ने बड़े ही करिश्माई ढंग से यह ऊंचाई हासिल की है। चलिए जानते हैं आखिर कौन है आतिशी मरलेना जिन्हें, अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
Atishi Marlena: राजनीति में प्रवेश, साहसिक फैसले और संघर्ष;
Atishi Marlena का जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और तिप्त वाही के घर हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंग डेल स्कूल से की उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास में ग्रेजुएशन और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में सेवनि छात्र विध पर मास्टर की डिग्री हासिल की है। कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की। कवि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की करीबी रही आतिशी ने आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी बगावत में यू-टर्न मारकर केजरीवाल का भरोसा जीता था।
बात 2015 की है दरअसल 2012 में बनी पार्टी को 3 साल बाद ही एक बड़े भूचाल का सामना करना पड़ा। पार्टी के दो दिग्गज नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से ठन गई थी। पार्टी की इस बगावत के दौरान आतिशी को पार्टी की प्रवक्ता पद से भी हटा दिया गया था। वजह यह थी कि उन्हें योगेंद्र यादव का करीबी माना जाता था। कहा जाता है कि यादव ने ही उन्हें आम आदमी पार्टी में एंट्री दिलाई थी, मगर उस वक्त Atishi Marlena ने जो निर्णायक फैसला लिया वह आज 9 साल बाद उनके लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ।
मनीष सिसौदिया और सत्यन जैन के इस्तीफा देने के बाद Atishi Marlena को केजरीवाल की कैबिनेट में शामिल किया गया। केजरीवाल ने उन्हें शिक्षा और बिजली समेत 18 विभागों की जिम्मेदारी सौंपी केजरीवाल की जेल में बंद होने से जब यह सवाल उठा कि दिल्ली में 15 अगस्त पर तिरंगा कौन फहराए तो केजरीवाल ने जेल से एलजी के नाम एक लेटर लिखा।
Atishi Marlena को यह मौका दिया जाए हालांकि जेल नियमों की वजह से यह लेटर एलजी तक नहीं पहुंचा एलजी वी के सक्सेना ने भले ही झंडा फहराने का मौका केजरीवाल के मंत्री आतिशी को ना दिया हो लेकिन दिल्ली को यह संकेत मिल चुका था। आतिशी का कद अब दिल्ली सरकार में सबसे ऊपर है।
भाजपा क्या कहती है, ये महत्वपूर्ण नहीं है। क्योंकि ये कोई पार्टी नहीं ये एक अपहरण गैंग है।
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) September 17, 2024
ये विधायकों , सांसदों और पार्टियों की चोरी करती है ।
पूरे देश में इन्होंने यही तो किया है, इसलिए इनकी बात का कोई महत्व नहीं है।
–@SanjayAzadSln pic.twitter.com/vIdiTNAAlN
दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के लिए कम से कम आधा दर्जन नाम रेस में थे हालांकि उम्मीद के मुताबिक आतिशी को ही यह जिम्मेदारी दी गई अब राजनीतिक जानकारों की माने तो इसके पीछे कई वजह हैं महिला होने के साथ प्रशासनिक अनुभव भी अतिसी के पक्ष में गया उन्होंने जिस तरह केजरीवाल के जेल में जाने के बाद संगठन और सरकार में सक्रिय भूमिका निभाई वह पार्टी का प्रमुख चेहरा बनकर उभरी।
शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने जो काम किया है उसे सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पार्टी प्रचारित करती रही और इसमें आतिशी की अहम भूमिका मानी जाती है जिसके बाद अब शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज के बाद Atishi Marlena दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी।